उत्तराखंड, उत्तर भारत का राज्य, ९ नवम्बर २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल नाम से जाना जाता था, किंतु अब नाम बदल कर उत्तराखंड रख दिया गया है, यह भारत का २७ वां राज्य है जो ९ नवम्बर २००० को एक लम्बे संघर्ष के बाद अस्तित्वा मे आया। यह उत्तर परदेश , तिब्बत , नेपाल, हिमाचल परदेश से घिरा हुआ राज्य है। पहले यह उत्तर परदेश का ही एक हिस्सा था। सुरम्य घाटी मे बसा देहरादून इस राज्य की राजधानी है, पूरा राज्य का अधिकतर हिस्सा पर्वतीय क्षेत्र मे आता है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून है, परन्तु प्रस्तावित राजधानी गैरसेन है, जो गढ़वाल और कुमाऊ क्षेत्र के मध्य भाग मे आता है, साधारण तय उत्तराखंड के दो मंडल हैं, गढ़वाल और कुमाऊ।
साधारण तय उत्तराखंड "देव भूमि" के नाम से जाना जाता है जिसका मतलब शब्द से ही ज्ञात होता है की देवताओं की धरती , क्यूंकि उत्तराखंड मे कई धार्मिक स्थान हैं, गंगा और यमुना का उद्गम स्थल है, और चार धमो से एक धम बदरीनाथ बारह ज्योत्रिलिंगों मे से एक ज्योत्रिलिंग "केदारनाथ" यहाँ पर स्थित है।
पूर्व मे गढ़वाल और कुमाऊ को " केदार्खंड और मानसखंड" नाम से जाना जाता था, यह जानकारी पुराणों पर आधारित है,
यह राज्य केवलनामों मे इन्ही दो नामों से नही जाना जाता है अपितु, समय समय पर इसे कई अन्य नाम् भी दिए गए, अगर मह्रिषी" वाल्मीकि " ने इसे " उत्तर्कौशल" का नाम दिया तो महाभारत के रचियता महारिशी " वेदव्यास ने इसे " उत्तर्कुरु" नाम से जाना। यही नही संस्कृत के महँ विद्वान पाणिनि और अर्थशास्त्र के लेखक "कौटिल्य" के लिए यह "उत्तरपत्ति" था, तो किरातों के लिये " किरात्मंडल" और "खसदेश" खसों के लिए था,
"कत्युरिओं" के लिए " क्रितिपुर" ।
1 comment:
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Gajender Bisht
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