पौडी गढ़वाल उत्तराखंड का एक जिल्ला, जिसका मुख्यालय, पौडी मे है। अल्मोड़ा, हरिद्वार, टेहरी, नैनी तल, चमोली, रुद्र पर्याग, हरिद्वार, देहरादून जिल्लों से घिरा यह जिल्ला उत्तर परदेश के बिज्नोर से भी इस जिल्ले की सीमायें जुड़ी हुई हैं।
पौडी गढ़वाल, गढ़वाल राज्य का एक अंश था जब श्रीनगर राज्य की राजधानी थी, परन्तु बाद मे पुरा गढ़वाल ब्रिटिश गढ़वाल के नाम से जाना जाने लगा। देश के स्वतंत्र होने के बाद पौडी गढ़वाल के दो भाग किए गए एक हिस्सा चमोली गढ़वाल बना, और उत्तराखंड बन ने के बाद रुद्र पर्याग भी एक और भाग अलग जिल्ला बनाया गया।
प्रकृति की सुरम्य गोद मे बसा यह जिल्ला पर्यटन स्थलों से भरपूर है, पौडी जिल्ले के रोम-रोम मे बसी है प्रकृति की सुन्दरता, पौडी नगर से भी हिमालय का नज़ारा देखा जा सकता है, यहाँ से हिमालय की "चौखम्बा" पर्वत श्रेदियाँ देखि जा सकती हैं, समुद्र तट से १८१४ मीटर की ऊंचाई पर स्थित पौडी शहर मनमोहक शहर है, पौडी से एक मनमोहक दृश्य इस चित्र मे दिख रहा है जिसमे हिमालय की श्रेणियों के दृश्य हैं और चौखम्बा
पर्वत का दृश्य दिखाई दे रहा है।
पौडी मे अन्य मन्दिर इस पारकर से हैं-
- देवी मंदिर -- देवल गढ़
- ज्वाल्पा देवी मंदिर - पौडी ( पाती सेन के नज्दीग)
- दुर्गा देवी मंदिर-- कोटद्वार से १३ कम। दूरी पर पूरी कोटद्वार मोटर मार्ग मे स्थित।
- किशोरी मठ -- १६८२ मे बना पौराणिक मंदिर
- शंकर मठ -- १७ वीं सदी का यह मंदिर आदि guru shankara charya ने बनाया है। यह श्रीनगर से ३ कम की दूरी पर है।
- बिनसर महादेव -- समुद्र तट से २४८० मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर थैली सेन से २२ किलो मीटर की दूरी पर है, यह पुरानी शिल्पकला का अद्बुद सजीव चित्रण है।
- कांदा मंदिर -- पौडी से ४४ किलोमीटर और देहाल्चौरी से १ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- देवेल -- पौडी से १४ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- लाल धांग --yah mandir kotdwar haridwar marg par sthit hai, kotdwar se 27 kilometer ki doorie par sthit hai
- hariyali devi -- yah mandir 1480 meter ki unchai par sthit hai, pokhri gaon ke paas se paidal rasta hai।
- राजेश्वरी देवी मंदिर-- पौडी कोटद्वार मार्ग पर स्थित, यह जो लगभग ७२ किलोमीटर कोटद्वार से और २७ किलोमीटर पूरी शहर से है, यहाँ का "गिंदी" मेला प्रसिद्ध है।
- डंडा नागराज मंदिर --- पौडी से लगभग ४२ किलोमीटर दूरी पर स्थित है, अप्रिल मे प्रसिद्ध कौथिग (मेला) होता है।
- खैरालिंग महादेव -- मुन्द्नेश्वर मे स्थित यह प्रसिद्ध मंदिर है।
- संगुदा देवी मंदिर -- यह मंदिर सत्पुली और बंघात के पास मे स्थित है।
1 comment:
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